आयुर्वेदिक दवाओं की तरह बहुत सी प्रचलित परंपरागत दवाएं जैन प्राकृतिक उत्पादों से बनी है, उनका उपयोग किसी नई दवा की खोज में करना– एक लुभावना और उपयोगी विकल्प माना जा सकता है। इन पारंपरिक दवाओं के पॉलीहर्बल फॉर्मूलेशन में बहुत से ऐसे बायो एक्टिव होते हैं जो बहुत से रोगों का नाश करने में काम में आ सकते हैं। जिनमें इसका पहले ही सफलता पूर्वक उपयोग किया जा चुका है।
नेटवर्क फार्मोकोलॉजी: परिचय (Network Pharmacology: Introduction)
नेटवर्क फार्मोकोलॉजी को पॉली फार्मोकोलॉजी के रूप में भी जाना जाता है। यह वर्तमान की उभरती हुई है कि नई तकनीक है जो नई दवाओं की खोज में आने वाली चुनौतियों और सीमाओं को दूर कर सकती है। यह खोज प्रक्रिया की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए डॉकिंग अध्ध्ययन हेतु कंप्यूटेशनल पावर और कंप्यूटर आधारित वर्चुअल हाइथ्रूपुट स्क्रीनिंग का इस्तेमाल किया जाता है। नेटवर्क फार्माकोलॉजी के अंतर्गत पहले से उपस्थित दवाओ के अणुओं का वापस इस्तेमाल करके सही मार्गदर्शन में नई दवाओं के डिजाइन तैयार कर सकते हैं। नेटवर्क फार्मोकोलॉजी पारंपरिक ज्ञान सूत्रीकरण की खोज करने और पहले से उपस्थित दवा के उद्देश्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
फिलहाल चीन में उनकी पारंपरिक चीनी दवाओं चीनी दवा का अध्ययन करने और उनके औषध तंत्र को समझने में इसका उपयोग किया गया है।
नेटवर्क फार्मोकोलॉजी के अनुप्रयोग (Applications of Network Pharmacology)
पारंपरिक चीनी दवाओ हेतु (यांग एट अल।, 2012) व Qing-Luo-Yin और Liu-Wei-Di-Huang गोली जैसे TCM का अध्ययन करने के लिए (ली और झांग, 2013) नेटवर्क फार्मोकोलॉजी का इस्तेमाल किया गया। मधुमेह परिधीय न्यूरोपैथी के उपचार हेतु प्रयुक्त गुइज़ी-शाओयाओ-ज़िमू का अध्ययन करने के लिए (झाओ एट अल।, 2015) नेटवर्क फार्मोकोलॉजी का इस्तेमाल किया गया। इस प्रकार प्रकार पारंपरिक दवाओं का नेटवर्क फॉर्मकोलॉजी के जरिए अध्ययन किया जाता है।