पथरचट्टा (गुर्दे की पथरी के लिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटी)
पाथरचट्टा औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है, जिसका उपयोग गुर्दे और पेट से संबंधित रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह एक ऐसा पौधा है जो पूरे भारत में उगाया जाता है। अगर आप किडनी स्टोन के लिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटी की समस्या से परेशान हैं तो पथरी का सेवन आपके लिए किसी रामबाण औषधि से कम नहीं है।
गिलोय
गिलोय, जिसे गुडुची के नाम से भी जाना जाता है, गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी मानी जाती है। अगर आपको पेशाब करते समय जलन महसूस होती है तो गिलोय का सेवन आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आपको बस इसके 10 ग्राम चूर्ण को आंवला पाउडर (10 ग्राम), सोंठ पाउडर (5 ग्राम), कुट्टू के बीज (3 ग्राम) और अश्वगंधा पाउडर (5 ग्राम) के साथ मिलाकर 100 मिलीलीटर पानी में उबालना है। इसे दिन में एक बार पीने से कुछ ही दिनों में पथरी अपने आप टूटकर बाहर आ जाती है।
पुनर्नवा (गुर्दे की पथरी के लिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटी)
पुनर्नवा का पौधा गुर्दे की पथरी जैसी समस्याओं में काफी फायदेमंद माना जाता है। इतना ही नहीं यह पौधा कमर और पेट में पथरी के कारण होने वाले दर्द को भी दूर करने की क्षमता रखता है। ऐसे में पुनर्नवा, कचूर और अदरक को बराबर मात्रा में मिलाकर रोगी को खिलाना चाहिए। ऐसा करने से दर्द में आराम मिलता है।